कौन था वो जिसपे आपका दिल आ गया।
दुआ तो किया था मरने का पिछले दिन।
मैं अभी मरा भी नहीं की तुझे कोई और भा गया।
कौन था वो जिसपे आपका दिल आ गया।
कल तक जिसके दिलों में, मैं खुद की नज़रों में बादशाह बनकर बहुत खुश था।
आज पता चला कि आप कब का निकाल चुके हैं अपने दिल से मुझे,
आपने अपने दिल का राजा किसी और को बना लिया।
कौन था वो जिसपे आपका दिल आ गया।
जिस बदन को जिस हाथ को मैं चूमा करता था।
उंगली कोई पकड़ ले आपकी , भगवान न करे ऐसा हो, दिल मेरा डरता था।
आपके सीने तक भी कोई पहुँच जाएगा, सोचा न था।
मैं आखिर होता कौन हूँ, जो आप मेरे बारे में भी सोचती।
बिना कुछ सोचे समझे फैलाकर बांहें सीने से किसी और को कस लिया।
कौन था वो जिसपे आपका दिल आ गया।
कभी की थी, आपने मुझसे घंटों बातें फ़ोन पर। मुझे तो याद नहीं है।
शायद आपको भी याद नहीं होगा, गर याद आये तो बताना मुझे।
किसी से एक मिनट भी बात कर लो, ऐसा नहीं चाहता था मैं।
शोले भड़कते थे दिल में मेरे, जब सामने भी कोई आपसे बात करता था।
घंटों बात हुई है, क्या बात हुई है कैसे हुई है। सिर्फ सोचने भर से दिल काँप उठता है, तड़प उठता है।
खून से लथपथ, काँपते तड़पते दिल की दर्द मुझे बड़ी सताती है।
सोते थे कभी चैन से रातों को, कसम से सुबह तक अब नींद नहीं आती है।
इस तरह से पहले कभी भी मैं टूटा नहीं था।
प्यार सच्चा वाला था मेरा झुठा नहीं था।
अभी लिखना बांकी है।
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